माँ की बातें गाँठ बाँध कर लौटा है
कुछ सौगातें गाँठ बाँध कर लौटा है
कुछ सौगातें गाँठ बाँध कर लौटा है
धूप न सर तक आयेगी अब शह्रों की
चाँदनी रातें गाँठ बाँध कर लौटा है
अबके जीत यक़ीनन समझो है उसकी
पिछली मातें गाँठ बाँध कर लौटा है
पिछली मातें गाँठ बाँध कर लौटा है
मुमकिन है के अब धरती की प्यास बुझे
वो बरसातें गाँठ बाँध कर लौटा है
वो बरसातें गाँठ बाँध कर लौटा है
संगत में अपनों की कुछ पल क्या बैठा
कितनी घातें गाँठ बाँध कर लौटा है
कितनी घातें गाँठ बाँध कर लौटा है
अभी अभी माज़ी से यादों की अनमोल
कुछ बारातें गाँठ बाँध कर लौटा है
कुछ बारातें गाँठ बाँध कर लौटा है
- के.पी. अनमोल
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