जब कभी भी शहर में दंगा हुआ
जी सियासत का बहुत हल्का हुआ
आसमां में इक अजब-सा शोर है
बादलों के बीच क्या फितना हुआ
चाह, ख़ुशियाँ, फिर उमीदें और गिले
प्यार का यूँ अश्क़ से रिश्ता हुआ
प्यार का यूँ अश्क़ से रिश्ता हुआ
इक तरफ मोनालिसा तस्वीर में
इक तरफ चेहरा तेरा खिलता हुआ
इक तरफ चेहरा तेरा खिलता हुआ
अहमियत है बस यहाँ पे रूह की
बाद इसके यह बदन ढेला हुआ
बाद इसके यह बदन ढेला हुआ
मन अचानक चल दिया है गाँव को
क्या पता अनमोल इसको क्या हुआ
क्या पता अनमोल इसको क्या हुआ
- के. पी. अनमोल
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