संकलन- लोग जिसको ज़हीर कहते हैं
चयन एवं भूमिका- के० पी० अनमोल
संस्करण- प्रथम, 2022
मूल्य- 160 रुपये
लोग जिसको ज़हीर कहते हैं वरिष्ठ हिन्दी ग़ज़लकार ज़हीर कुरेशी की शुरूआती उर्दू ग़ज़लों का संचयन है। इसमें इनकी वर्ष 1968 से 1973 तक की ग़ज़लें सम्मिलित हैं। ये लगभग समस्त ग़ज़लें उस काल में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। इस पुस्तक में ज़हीर सर की ग़ज़लों को खण्ड- अ एवं खण्ड- ब दो भागों में रखा गया है। खण्ड- अ में 70 ग़ज़लें तथा खण्ड- ब में 20 प्रेमपरक ग़ज़लें हैं। ज़हीर सर के समस्त ग़ज़ल लेखन को समझने के लिए उनकी शुरूआती समय की उर्दू ग़ज़लों से होकर गुज़रना बहुत ज़रूरी है।
- के० पी० अनमोल
श्वेतवर्णा प्रकाशन की वेबसाइट से इस लिंक के ज़रिए यह पुस्तक मँगवाई जा सकती है-
https://shwetwarna.com/shop/books/log-jisko-zaheer-kahte-hain-k-p-anmol/
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